शहरवासियों और स्वच्छ भारत अभियान में शामिल/नाशामिल मेरे प्रिय मित्रों,
यह है रांची का बड़ा तालाब, एक प्राचीनतम और ऐतिहासिक धरोहर, शहर के हृदय
में बसा एक ऐसा जलस्रोत जो राजधानी की खूबसूरती भी है, सुकून भी और जीवन
रेखा भी.
शहर की गंदगी, नाले का पानी, आस-पास के प्रतिष्ठानों और
अस्पतालों के कचड़ों का ढेर सब कुछ इसमें प्रतिदिन समाता है और हम इसे इसकी
बदहाली पर छोड़कर प्रतिदिन ना जाने कीतनी बार यहां से नाक बंद करते हुए
गुजरते हैं.
मैं इसे बचपन से देखता
आ रहा हूॅं और मुझे याद है कि इस तालाब को कभी सुन्दर बनाने, कभी सफाई के
नाम पर तो कभी पार्क बनाने के नाम पर अब तक करोड़ो रू इसमें डूब चुकें हैं.
कभी छठ के अवसर पर भी चकाचक कपड़ों में कुछ प्रबुद्ध और जाने-माने लोग इसकी
सफाई करते नजर आते हैं ताकि अखबारों में छपे फोटो से पता लगे कि वे कितना
धार्मिक और सामाजिक है. लेकिन इसके बाद पुनः स्थिति जस का तस.
हो
सकता है कि इसके आस-पास बसे लोगों ने भाजपा को वोट नहीं दिया हो और उन्हें
लगता हो कि ‘‘स्वच्छ भारत अभियान’’ तो प्रधानमंत्री श्री नरेेन्द्र मोदी जी
का सपना है ! और वे तो भाजपा के नेता हैं, तो फिर उनके द्वारा शुरू किये
गये अभियान में हम क्यों पहल करें ? हम तो इसे और गंदा करके ही दम लेंगे.
इसलिए शहरवासियों और स्वच्छ भारत अभियान में शामिल या जो शामिल नहीं हैं,
उनसे भी मैं अपील करता हूॅं कि तन-मन-धन से आगे कर हमें इसकी सफाई जरूर
करनी चाहिए और अब तो स्वच्छ भारत अभियान के बड़े -बड़े विज्ञापन भी समाचार
चैनलों और अखबारों में आने लगे हैं जिसपर सरकार करोड़ो रू खर्च कर रही है तो
फिर हम लोग अपना थोड़ा समय तो खर्च कर ही सकते हैं. जहां तक रांची नगर
-निगम से इसकी सफाई और देख-रेख की उम्मीद करना है, तो नतीजा सामने है.
इसके साथ ही झारखण्ड के मुख्यमंत्री माननीय श्री रघुवर दास और नगर विकास
मंत्री व रांची के विधायक श्री सी.पी. सिंह जी से भी अपील की जाय कि सफाई
के बाद इस तालाब को चारो तरफ से कम से कम 2-3 फीट की चारदिवारी देकर इसमें
ग्रील लगाकर सुरक्षित बना दिया जाय, यहां बने पार्क और तालाब के बीच के
टापुओं में बने पार्क को और खूबसूरत बनाकर भरपूर रोशनी की व्यवस्था की जाए,
इसके साथ ही यहां नियमित रूप से एक या दो स्थानीय गोताखोरांे को बहाल किया
जाय ताकि इसे देखने आने वाले लोग खुद को सुरक्षित महसूस करें और सुरक्षित
बोटिंग का भी आनन्द ले सके इसलिए कि हाल में ही राज्य के एक महान मुख्य
सचिव, अब पूर्व, की बेवकूफी के कारण एक परिवार हादसे का शिकार हो चुका है.
आशा है, एक दिन समय निकालकर हमलोग वहां सफाई के लिए जमा हो और यदि लोग
चाहें तो सफाई में सरकारी मशीनरी भी नियमित रूप से गंभीरता दिखा सकती है और
यहां गदगी फैलाने वाले लोगों, सरकारी-गैरसरकारी प्रतिष्ठनों पर कानूनी
कार्यवाई कर सकती है तकि इसकी स्वच्छता और सुन्दरता बनी रहे....
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